Menu
blogid : 2646 postid : 3

अलादीन का चिराग प्रणव दा के पास ही है —

दबंग आवाज
दबंग आवाज
  • 139 Posts
  • 660 Comments

जब कुछ दिन पहले प्रणव दा ने यह कहा कि उनके पास अलादीन का चिराग नहीं है , तो सच पूछिए मैं बहुत परेशान हो गया था | पता नहीं आपको मालूम है कि नहीं , पर मुझे अच्छे से पता है कि अलादीन का चिराग प्रणव दा के पास ही होना चाहिये था | भाई , परिपाटी के अनुसार चिराग वित्तमंत्रियों के पास ही रहता है | तो , जब प्रणव दा ने चिदंबरम साहब से चार्ज लिया होगा तो चिदंबरम जी ने जरुर उस चिराग को प्रणव दा को दिया होगा | उस चिराग को रगड़ रगड़ कर पिछले तीन सालों में आखिर प्रणव दा ने कितने काम किये हैं | उस चिराग के जरिये ही वे विश्वव्यापी मंदी से हमारे देश के धन्नासेठों को बचा पाए हैं | अजी साहब , यह उस चिराग का कमाल ही था कि मंदी के दौरान उन्होंने लाखों करोड़ रुपया जनता की जेब से निकालकर राहत पैकेज के नाम से धन्नासेठों की जेब में पहुंचा दिया और किसी को उफ़ करने का मौक़ा तक नहीं मिला | इतना ही नहीं उस कारनामें की वजह से दुनिया के बड़े बड़े मुल्कों ने उनकी इतनी पीठ थपथपाई , इतनी पीठ थपथपाई कि आगे आने कई दशकों तक भारत में किसी की पीठ में दर्द नहीं होगा | प्रणव दा ने इसकी पूरी गारंटी कर दी है कि भारतवासियों के पेट में भले ही कितना भी दर्द हो जाए , पर , पीठ में दर्द नहीं हो सकता |
हाँ , तो , मैं अलादीन के चिराग के बारे में बता रहा था कि मुझे पूरा पूरा शक था कि यह है प्रणव दा के पास ही , पर , वो झूठ बोल रहें कि उनके पास नहीं है | दरअसल , प्रणव दा बहुत संवेदनशील और ईमानदार राजनीतिज्ञ हैं | उनको लगा होगा कि यदि सबको पता लग गया कि अलादीन का चिराग उनके पास है तो कहीं लोग उनसे महंगाई , आम जनता की तकलीफें जैसी फालतू की समस्याओं को दूर करने के लिए न बोलने लगें | उनके जैसा कुशल और चतुर वित्तमंत्री आखिर अलादीन के चिराग जैसे उपयोगी यंत्र का इस्तेमाल फालतू की समस्याओं को दूर करने के लिए कैसे करने दे सकता है | तो , उन्होंने झूठ बोल दिया | वैसे , जब मुझे यह पता नहीं था कि वो झूठ बोल रहें हैं , तो , मैं उनसे पूछने वाला था कि कहीं उन्होंने चिराग योजना आयोग के उपाध्यक्ष मंटोक सिंह जी को तो नहीं दे दिया था | क्योंकि , जिन मंटोक सिंह की योजनाओं में से भोपाल गैस पीड़ितों के लिए पिछले छै वर्षों में एक पैसा नहीं निकला था , वो अचानक ७५० करोड़ रुपया देने को तैयार हो गए | वैसे मुझे यह शक भी था कि कहीं टेम्पररी तौर पर प्रणव दा ने चिराग चिदंबरम साहब को ही ना दे दिया हो , क्योंकि वे भी तो बिचारे उस मंत्री समूह के कनवीनर थे , जिसे भोपाल गैस पीड़ितों के लिए राहत सुझानी थी | वित्तमंत्री रहते हुए जिन्होंनें एक पाई भी नहीं निकाली , उनके ऊपर इतनी कठोर जिम्मेदारी थी | मंटोक सिंह और चिदंबरम दोनों की कृपणता देखते हुए , इतना तो तय हो गया कि प्रणव दा ने चिराग उन्हें दिया जरुर था |
पर , अब यह कनफर्म हो गया है कि प्रणव दा ने अलादीन का चिराग उनसे वापस भी ले लिया था | आखिर एक वित्तमंत्री बिना अलादीन के चिराग के अपना काम चला ही कैसे सकता है ? अभी , तो , प्रणव दा को बहुत से काम करना है | मल्टीब्रांड खदरा में विदेशी निवेश का बिल लाना है , उसे पार्लियामेंट में पास कराना है | जीएसटी कानून बनाकर भारत की अर्थव्यवस्था को दो खरब की बनाना है | पैदा होने पर अस्पताल में सेवाकर देने से लेकर मरने पर श्मशान घाट में सेवाकर देने के बीच के सारे कामों पर सेवाकर लगाई जा सकने वाली सेवाओं का पता लगाना है | याने काम बहुत हैं और बिना अलादीन के चिराग के यह सब कैसे हो सकता है ? पर अब सब कुछ ठीक हो जाएगा क्योंकि अलादीन का चिराग प्रणव दा के पास ही है यह कनफर्म हो गया है | आप पूछेंगे मुझे कैसे मालूम हुआ ? अरे , बहुत सिंपल है यार , जो विपक्ष महंगाई पर मत-विभाजन वाले नियम के तहत ही बहस करने की मांग पर अड़ा हुआ था , जिसने अपनी मांग के समर्थन में चार-चार दिनों तक लोकसभा ठप्प रखी , भारत बंद जैसा बंद किया , वह प्रणव दा के चाय-समौसे की पार्टी से ही कैसे मान गया ? यह अलादीन के चिराग का कमाल है , जो प्रणव दा याने हर वित्तमंत्री के पास रहता है | प्रणव दा ने विपक्ष को अलादीन के चिराग का कमाल दिखाया होगा और विपक्ष एकदम सेट राईट हो गया | आखर अलादीन के चिराग में धन्नासेठों के पास और धन पहुंचाने के उपायों के अलावा और भी बहुत कुछ रहता है , जैसे स्वीस बैंकों के खातों के रिकार्ड , सीबीआई की फाईलें , अब इनका हवाला देकर क्या कुछ सेट-राईट नहीं हो सकता | सो सब सेट-राईट हो गया | याने अलादीन का चिराग है बड़े काम की चीज | पर , उसका उपयोग हमारे-आपके लिए नहीं हो सकता | वह केवल सम्पन्नों के पक्ष में ही उपयोग में लाया जा सकता है | इसीलिये प्रणव दा ने झूठ बोला कि उनके पास अलादीन का चिराग नहीं है कि वे महंगाई दूर कर दें , क्योंकि महंगाई से सम्पन्नों को नहीं गरीबों को तकलीफ होती है | देखना , जब फिर कभी सम्पन्नों को फायदा पहुंचाने की बात आयेगी तो अलादीन का चिराग निकल आयेगा | तब हमारे सांसद भी शोर नहीं मचाएंगे |
अरुण …..

Posted by AK SHUKLA at 4:07 PM 0 comments Email This BlogThis! Share to Twitter Share to Facebook Share to Google Buzz

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh