Menu
blogid : 2646 postid : 796901

झोपड़ी में भी चांदनी खिलखिलाती दिवाली में-

दबंग आवाज
दबंग आवाज
  • 139 Posts
  • 660 Comments

फिजाएं नूर की चादर बिछाती हैं दिवाली में
सिसकियाँ फिर भी सुनाई आती हैं दिवाली में,

बहुत कोशिश की हमने अँधेरे को भगाने की घर से
हँसी अँधेरे की फिर भी सुनाई आती है दिवाली में,

रोशनी से अमावस की रात यदि चांदनी खिलती
झोपड़ी में भी चांदनी खिलखिलाती दिवाली में,

कब तक देखते रास्ता लक्ष्मी का सो गए
सुना है वो सिर्फ महलों में जाती हैं दिवाली में,

नेताओं और अधिकारियों के घर भेज रहे हैं ठेकेदार मिठाई के डिब्बे
सुना है इन्हीं डिब्बों में बैठकर लक्ष्मी जाती आती हैं दिवाली में,

अरुण कान्त शुक्ला,
26 अक्टोबर’ 2014

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh